Sunday, June 10, 2018

आनोखी ज़िंदगी

मोहब्बत की जंग को हम तो पार गए
जितना पा सके उसी मैं इकरार कर गए
पर ये ज़िंदगी क्या चीज़ है किसी को जिता देता है
जिता कर भी लोगों को रुला देता है



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